सुंदरता और सहनशीलता के धनी वृषभ राशि के जातक

सुंदरता और सहनशीलता के धनी वृषभ राशि के जातक:
नक्षत्र मंडल में जब चंद्रमा का गोचर कृतिका के दूसरे चरण से लेकर मृगशिर के दूसरे चरण तक होता है तब ज्योतिष विद्वानों ने वृषभ राशि में गोचर माना है। वृषभ एक स्त्री राशि,स्थिर संज्ञक,भूमि तत्व वाली,शीतल स्वभाव की राशि है। यह कांति रहित,वात प्रकृति वाली,दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। इस राशि के जातकों पर शुक्र,चंद्रमा,सूर्य ग्रह का प्रभाव देखने को मिलता है। चंद्रमा वृष राशि में उच्च का तथा केतु नीच का प्रभाव देता है। वृष राशि से कंठ,मुख कपोलों का विचार किया जाता है। 

गुण और स्वभाव: वृषभ राशि के लोग प्रायः छोटे कद के या मध्यम कद के, बड़ी बड़ी आंखों वाले रूपवान होते हैं। इनमे आकर्षण शक्ति 
जबरजस्त होती है। लोग इनकी तरफ स्वत: ही आकर्षित हो जाते हैं।
इनके कान बड़े और कुछ मोटे होते हैं। वृष राशि के लोग असाधारण तौर पर सहनशील,व्यवहारिक,भरोसेमंद,खाना बनाने में माहिर होते हैं। लेकिन कुछ बैल बुद्धि भी देखने को मिलते है जातक क्रोध में काफी उग्र हो जाते है लेकिन यह तभी होता है जब इन्हे बेबजह उकसाया जाए। कभी कभी इस राशि के जातक घमंडी, हठी,कठोर तथा अड़ियल स्वभाव के हो जाते हैं।

कैरियर: वृषभ राशि के जातक आध्यात्मिक गुरु,कुशलवक्ता, मोटीवेटर,बैंक, सेना में इंजीनियर, कुशल प्रबंधक,सांसद,
मूर्तिकार,बिल्डर,होटल व्यापार,जौहरी, फलों और सब्ज़ियों का व्यापारी,परफ्यूम बनाने की फैक्ट्री, कलाकार,गायक,सिनेमा, मॉडल 
आदि में अपना कैरियर बनाकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

रोग: वृषभ राशि के लोगो को आंखो से संबधित रोग,गले में सूजन,
फोड़ा फुंसी,चेचक, थायरॉयड,शुगर आदि रोग परेशान कर सकते हैं।

भाग्यशाली दिन : सोम,बुध,शुक्रवर और शनिवार
भाग्यशाली रंग : हरा,नीला,सफेद और हल्का गुलाबी
भाग्यशाली अंक :2,7,8,9

उपाय: वृष राशि के जातक को शुक्रवार का व्रत तथा शिव जी मां दुर्गा की उपासना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है। प्रत्येक शुक्रवार शिवलिंग पर दही से अभिषेक करने से भाग्य में वृद्धि होती है 

ज्योतिषाचार्य पं योगेश पौराणिक (इंजी)




Post a Comment

0 Comments